नीति की रूपरेखा
- महत्वपूर्ण नीतिपरक उपाय
- लौह अयस्क के लिए निर्यात नीति
- इस्पात मंत्रालय द्वारा निजी क्षेत्रों को सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है।
महत्वपूर्ण नीतिपरक उपाय
- जुलाई, 1951 में घोषित नई औद्योगिक नीति में अन्य के साथ-साथ लोहा और इस्पात उद्योग को सरकारी क्षेत्र के लिए आरक्षित उद्योगों की सूची से हटा दिया गया था और इसे उद्योग (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1995 के अंतर्गत आवश्यक रूप से लाइसेंस प्रदान करने के प्रावधान से भी छूट दी गई है।
- दिनांक 24.5.1992 से तत्काल प्रभाव से लोहा और इस्पात क्षेत्र को 51 प्रतिशत तक विदेश साम्या निवेश के लिए स्वत: अनुमोदन हेतु “ हाई प्रारिटी ” उद्योगों की सूची में शामिल किया गया है। हाल ही में इस सीमा को 100 % तक बढा़या गया है।
- जनवरी, 1992 से इस्पात के मूल्य एवं वितरण को नियंत्रणमुक्त किया गया था। इसी समय यह सुनिश्चित किया गया था कि रक्षा और रेलवे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के अलावा लघु स्तरीय उद्योगों, इंजीनियरी के विशेषज्ञों और देश के उत्तर पूर्वी क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यह वरीयता देने की प्रक्रिया जारी रखी जाएगी।
- व्यापार नीति का उदारीकरण किया गया है और लोहा और इस्पात के आयात एवं निर्यात की स्वतंत्र रूप से मंजूरी दी गई है। आईटीसी (एचएस) कोड के अध्याय 72 के अंतर्गत शामिल लोहा और इस्पात मदों के आयात पर कोई मात्रात्मक प्रतिबंध नहीं है। टेरिफ मैकेनिजम ही आयात को नियंत्रित करने वाला एक मात्र मैकेनिजम है। वर्ष 1991-92 की तुलना में लोहा और इस्पात की विभिन्न मदों पर टैरिफ में भारी गिरावट आई है और सरकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसमें कमी करने के लिए प्रतिबद्ध है। अध्याय-72 में दो मदें नामत: 72042110 और 72042910, हैं जिन्हें आयात की प्रतिबंधित सूची में शामिल किया गया है।
- वर्तमान नीति के अनुसार लोहा और इस्पात का स्वतंत्र रूप से आयात किया जा सकता है।
- लोहा और इस्पात का स्वतंत्र रूप से निर्यात किया जाता है।
- एडवांस लाइसेंसिंग स्कीम में निर्यात के लिए कच्ची सामग्री के नि:शुल्क आयात की मंजूरी है।
- दोयमों और दोषपूर्णों के लिए न्यूनतम मूल्य अभी भी जारी है।
- केवल मुम्बई, कोलकाता और चेन्नई के तीन नामित पत्तनों के जरिए ही दोयमों और दोषपूर्णों के आयात की मंजूरी दी गई है।
- दोयम और दोषपूर्णों के प्रत्येक आयात परेषण के लिए एक प्रख्यात अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के द्वारा मेंडेटरी प्रिइन्सपेक्शन सर्टिफिकेट दिया जाता है।
- केंद्रीय बजट 2007-08 में दोयमों और दोषपूर्णों पर आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से कम करके 10 प्रतिशत कर दिया गया है।
मैगनीज अयस्क
टैरिफ मद एचएस कोड | इकाई | मद विवरण | निर्यात नीति | प्रतिबंध की प्रकृति |
---|---|---|---|---|
2602 00 00 | कि.ग्रा. | निम्न को शामिल न करते हुए मैगनीज अयस्क: 46 प्रतिशत से अधिक मैगनीज वाला लंपी/ब्लैंडिड मैगनीज अयस्क। | एसटीई | मॉयल की खानों में उत्पादित मैगनीज अयस्क के लिए (क) एमएमटीसी लिमिटेड (ख) मैगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (मॉयल) के जरिए निर्यात। |
2602 00 10 | कि.ग्रा. | 46 प्रतिशत से अधिक मैगनीज वाला लंपी/ब्लैंडिड मैगनीज अयस्क। | प्रतिबंधित | लाइसेंस के तहत निर्यात की मंजूरी। |
(स्रोत: विदेश व्यापार नीति, डीजीएफटी)
लौह अयस्क की निर्यात नीति
- 64 प्रतिशत से अधिक लोहांश वाले लौह अयस्क के लिए स्वतंत्र रूप से निर्यात की मंजूरी है।
- गोवा मूल के लौह अयस्क का चीन, यूरोप, जापान, दक्षिणी कोरिया और ताइवान (लोहांश की मात्रा पर ध्यान दिए बिना) में निर्यात और रेड्डी क्षेत्र से सभी मार्किटों में लौह अयस्क (लोहांश की मात्रा पर ध्यान दिए बिना) का निर्यात भी स्वंतत्र रूप से करने की मंजूरी है।
- 64 प्रतिशत से अधिक लोहांश वाले लौह अयस्क का निर्यात एमएमटीसी के जरिए किया जाता है।
- चूंकि केआईओसीएल एक शतप्रतिशत ईओयू (एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट) है। इसलिए यह अपने उत्पादों (लौह अयस्क सांद्रणों और लौह अयस्क पैलेटों) के लिए स्वयं चैनलीकृत एजेंसी है।
- घरेलू मांग को वरीयता आधार पर पूरा करने को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में बेलाडिला से 64 प्रतिशत से अधिक लोहांश वाले उच्च ग्रेड के लौह अयस्क का प्रारंभिक रूप में मात्रा के आधार पर प्रतिबंधों सहित निर्यात करने की मंजूरी दी है। वर्तमान में लौह अयस्क की मात्रात्मक चालू सीमा निम्नानुसार है:
क्षेत्र वार्षिक मात्रा (मिलियन टन)
- बेलाडिला ढेले 3.0 मिलियन टन से अधिक नहीं
- बेलाडिला चूर्ण 3.8 मिलियन टन से अधिक नहीं
- उपर्युक्त के अलावा डीजीएफटी द्वारा जारी किए गए लाइसेंसों के प्रति 64 प्रतिशत से अधिक लोहांश वाले लौह अयस्क का निर्यात करने की मंजूरी भी दी गई है।
क्रोमाइट अयस्क
टैरिफ मद एचएस कोड | इकाई | मद विवरण | निर्यात नीति | प्रतिबंध की प्रकृति |
2610 00 00 | कि.ग्रा. | ( i ) क्रोम अयस्क सज्जीकृत क्रोम अयस्क चूर्ण/सांद्रण (अधिकतम फीड ग्रेड) 42 प्रतिशत सीआर2ओ3 से कम, और ( ii ) क्रोम अयस्क की मंजूर एसटीई के जरिए मंजूर के रूप में उल्लिखित श्रेणियों को छोड़कर | प्रतिबंधित | (ख) से (घ) से नीचे की श्रेणियों को छोड़कर लाइसेंस के तहत निर्यात की मंजूरी। |
2610 00 30 2610 00 40 | कि.ग्रा. | सज्जीकृत क्रोम अयस्क चूर्ण/सांद्रण (42 प्रतिशत सीआर2ओ3 से कम अधिकतम फीड ग्रेड)। | नि:शुल्क | |
2610 00 30 | कि.ग्रा. | 40 प्रतिशत से कम सीआर 2 ओ 3 वाले क्रोम अयस्क ढेले। | एसटीई | एमएमटीसी लिमिटेड के जरिए निर्यात |
2610 00 90 | कि.ग्रा. | 52 प्रतिशत से कम सीआर 2 ओ 3 तथा 4 प्रतिशत से अधिक सिलिका वाले लो सिलिका फ्राऐबल/फाइन ओर। | एसटीई | एमएमटीसी लिमिटेड के जरिए निर्यात |
2610 00 90 | कि.ग्रा. | 52-54 प्रतिशत से कम सीआर 2 ओ 3 तथा 4 प्रतिशत से अधिक सिलिका वाले लो सिलिका फ्राऐबल/फाइन ओर। | एसटीई | एमएमटीसी लिमिटेड के जरिए निर्यात |
(स्रोत: विदेश व्यापार नीति, डीजीएफटी)
इस्पात मंत्रालय द्वारा निजी क्षेत्रो कों उपलब्ध कराई जा रही सहायता
लोहा और इस्पात उद्योग को कच्ची सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित कराने और देश में लोहा और इस्पात क्षेत्र की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए इस्पात मंत्रालय अन्य संबंधित मंत्रालयों/विभागों के साथ उनके मुद्दो को उठाता है, जैसे
- लोहा और इस्पात उद्योग को कोयला ब्लॉकों और कोयला लिंकेज का आबंटन हेतु कोयला मंत्रालय के साथ मामला उठाना।
- लोहा और इस्पात उद्योग को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ मामला उठाना।
- लोहा और इस्पात उद्योग के मामलों/विषयों को अन्य विभिन्न संबंधित मंत्रालयों/विभागों के साथ उठाना।